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शिवम बाफना बने महकऋषिजी

वड़गाव मावल(पुना)का लाडला शिवम बाफना बना दीक्षा समारोह में महकऋषिजी भव्य दीक्षा समारोह में उमड़ा भक्तों का सैलाब


संवाददाता वडगांव मावल (पुना) शनिवार 15फरवरी वडगांव मावल(पुना) के बाफना परिवार का लाडला शिवम से बना महकऋषि। शुक्रवार को श्रमणसंधीय युवाचार्य भगवंत महेंद्रऋषिजी महाराज की निश्राय एवं मालवा प्रवर्तक प्रकाशमुनिजी. उपप्रवर्तक अक्षयऋषिजी बरसादाता गौमतमुनिजी तथा महाराष्ट्र प्रवर्तिनी प्रतिभाकंवरजी, राजस्थान प्रवर्तिनी सुप्रभाजी, उपप्रवर्तिनी प्रियदर्शनाजी (छोटे बाई महाराज), तेलातप आराधिका चंदनबालाजी, प्रखर व्याख्यानी पद्मावतीजी उपप्रवर्तिनी सत्यसाधनाजी व्याख्यानी सम्यकदर्शनाजी, प्रखरवक्ता अर्चनाजी (मिरा), तपस्वी रत्ना विचक्षणाजी, महासती चारुप्रज्ञाजी, उपप्रवर्तिनी सुमनप्रभाजी उपप्रवर्तिनी दिव्यज्योतिजी, विदुषी अक्षयश्रीजी(आंखा),साध्वी सुयशाजी, अनुष्ठान अराधिका कुमुदलताजी. साध्वी कितीसुधाजी, आयंबिल तप अराधिका सफलदर्शनाजी साध्वी सौरभसुधाजी सहित 100 से अधिक जैन साधु साध्वीवृंद के सानिध्य और हजारों श्रध्दालुओं की तादाद में शिवम संदीपजी बाफना को श्रमण संघीय युवाचार्य महेंद्रऋषिजी महाराज ने दीक्षा पाठ देते हुये कहाँ कि संयम मानव जीवन की सबसे बड़ी साधना है। यह न केवल आत्मा को शुद्ध करता है, बल्कि समाज और संसार के कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त करता है। संयम जीवन कठिन अवश्य है, लेकिन जिवन में सच्चाआनंद और आत्मिक शांति का मार्ग है जिससे संसार से मानव मुक्ति प्राप्त कर आत्मा कल्याण कर जन्म मरण के बंधन से आत्मा को सदगति दिला सकता है। मालवा प्रवर्तक प्रकाशमुनिजी, उपप्रवर्तक अक्षयऋषिजी. बरसादाता गौतममुनिजी एवं सभी साध्वीवृंदो ने संयम और धर्म के गुढ तत्वों की सरल शब्दों में व्याख्या करते हुये कहां की संयम साधना का मार्ग ही ऐसा मार्ग हैजिससे व्यक्ति नर से नारायण बन सकता है। भव्य दीक्षा समारोह में देशभर के अनेक प्रातों से हजारों श्रावक श्राविकाओं की उपस्थित में वड़गांव प्रयागराज तीर्थ की तरह कुंभमेला बन गया। युवाचार्य महेन्द्रऋषिजी महाराज के आगामी वर्ष 2026 चातुर्मास की भीलवाड़ा श्रीसंघ शांति भवन भोपालगंज के पदाधिकारियों ने चातुर्मास की विनती रखी। हितेन्द्रऋषिजी महाराज ने जानकारी देते हुये बताया की 20 फरवरी को लोनावला में नवदीक्षित महकऋषिजी महाराज की बड़ी दीक्षा का कार्यक्रम रखा गया।आज के दीक्षा कार्यक्रम की विशेषता कोई लीलाव नहीं कोई बोली नहीं कोई सत्कार नहीं कोई भाषण नहीं सिर्फ संत सती मंडल की मुखारविंद से जिनवाणी श्रवण एवं दीक्षा पाठ का श्रवण करने मिला
संदीप भाई बाफना परिवार संपूर्ण दिक्षा कार्यक्रम के लाभार्थी थे।
आदर्श दीक्षा समारोह!                                           किसी भी प्रकार का आडंबर नही , दिखावा नहीं , शोर नहीं , सादगीसे परिपूर्ण दीक्षा समारोह हुवा

 


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