युवाचार्यश्री एवं साधु-साध्वियां भव्य शोभायात्रा के साथ डोंबिवली कल्याण पहुंचे
"सच्चा सुख स्थिरता में है, अस्थिरता में नहीं" - युवाचार्य महेंद्रऋषिजी महाराज

दिनांक 2 मार्च प्रतिनिधि डोंबिवली-कल्याण: निर्वाण धर्म न केवल मानवता को सही दिशा दिखाता है, बल्कि यह भी सिखाता है कि सच्चा सुख स्थिरता में निहित है, अस्थिरता में नहीं। डोंबिवली-कल्याण स्थित जैन स्थानक में आयोजित भव्य धार्मिक समागम में श्रमण संघीय युवाचार्य महेंद्रऋषिजी महाराज ने उपस्थित श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन किया। भगवान महावीर स्वामी के जीवन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि मानव जीवन का अंतिम उद्देश्य आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक यात्रा है। भगवान महावीर की शिक्षाएं हर समय और हर किसी के लिए मार्गदर्शक हैं। आज भी निर्वाण धर्म को सर्वोच्च स्थान दिया जाता है। यह धर्म आत्मा की शुद्धि, आंतरिक शांति और परम सुख का मार्गदर्शक है। प्रवर्तक प्रकाश मुनिजी ने अपने प्रवचन में कहा कि आस्था और भक्ति आंतरिक भावनाएं हैं, जो बाहरी दिखावे की अपेक्षा मन की पवित्रता और सच्चाई से अधिक जुड़ी हुई हैं। साध्वीवृन्द ने भी भजनों एवं प्रवचनों के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए। जुलूस और आगमन: धर्मसभा से पहले युवाचार्य महेंद्र ऋषिजी, प्रवर्तक प्रकाश मुनिजी, तेलतप आराधिका चंदन बालाजी, बुलंदवाणी पद्मावतीजी, उपप्रवर्तिनी दिव्य ज्योतिजी, प्रखरवक्ता अर्चनाजी, साध्वी सुयशाजी, महासती ज्ञानप्रभाजी, उज्ज्वल कंवर, साध्वी चंदन बालाजी सहित साधु-साध्वियों की भव्य शोभायात्रा डोंबिवली-कल्याण पहुंची। प्रमुख पदाधिकारी एवं संगठन: श्री संघ अध्यक्ष बंसीलाल चपलोत, संघ मंत्री मनोज कागरेचा, कोषाध्यक्ष धर्मेंद्र मादरेचा, मेवाड़ महिला मंडल अध्यक्ष कंचन एल. सिंघवी, अंजना तातेड़, बेबीबेन डागलिया, महिला मंडल की वैशाली चपलोत, आशा वड़मा, सीमा सियाल, नवयुवक मंडल के अध्यक्ष योगेश पनगड़िया, गौतम बाबेल, दीपक गोखरू, साथ ही कन्या मंडल की निकिता सिसोदिया, इशिका सियाल, काजल चौहान सहित अन्य सदस्य मौजूद थे।
मुंबई में 34 श्री संघों के भक्तों ने गुरु भगवंत का स्वागत किया, आस्था और भक्ति के साथ मंगल प्रवेश किया और वातावरण को हर्षोल्लास से भर दिया।